अमेरिकी तंगदिली

वीजा की समस्या से जूझ रहे भारतीय दंपतियों को अमेरिका में और अधिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। वीजा जारी करने वाली एजेंसी अमेरिकी नागरिक एवं आपवासन सेवा (यूएससीआईएस ) ने नियमों को और अधिक कठोर बना दिया है। यूएससीआईएस ने घोषणा की है कि प्रारंभिक वीजा 3 साल तक का भी नहीं होगा। कुछ मामलों में इसे और भी छोटी अवधि के लिए जारी किया जा सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी खरीदें और अमेरिकी लोगों को ही नौकरी देऊ की नीति पर चुनाव लड़े और उसी नीति को आगे बढा रहे हैं। दरअसल एचाबी वीजा अत्यधिक कुशल कर्मियों को दिया जाता है। हर वर्ष 80 हजार से एक लाख तक की संज्या में लोग इस वीजा के लिए आवेदन करते हैं, जिसमें लगभग 70 फीसदी भारतीय रोजगार और शैक्षणिक कुशलता के लिए अवसर तलाशते हैं। ऐसे में उनमें से अधिकांश के पति व पत्नी को एस 4 वीजा दिया जाता है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उदारतापूर्वक ऐसे वीजाधारकों को अमेरिका में काम करने की इजाजत दे दी थी। यही नहीं, ऐसी कई कंपनियां और समुदाय भी हैं जो इनकी विशेषज्ञता से लाभान्वित हैं और उनके द्वारा चुकाया जा रहा टैज्स अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस वर्ष एचाबी वीजा कोटा छोटा होने से 4 दिनों में ही आवेदन कोटा भर गया।अमेरिकन फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी के अनुसार अमेरिका में 1 अरब अमेरिकी डॉलर या अधिक की निजी स्वामित्व वाली कंपनियों में से लगभग आधी कंपनियों का कोई न कोई संस्थापक आप्रवासी था। इसी प्रकार एचाबी वीजा लेकर गए हुए कई आप्रवासी आज अमेरिकन कंपनियों के सीईओ हैं, जैसे कि माइक्रोसॉउट और गूगल। अमेरिकी कांग्रेस के दो सदस्यों तुलसी गज्बार्ड और केविन योडर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र भेजकर कहा है कि उच्च कुशल आप्रवासियों ने देश के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। अमेरिकी प्रणाली इन लोगों का मूल्य निर्धारण करे जो अमेरिकी कानूनों का पालन करते हुए सही काम कर रहे हैं। जरूरी है कि अमेरिका कुशल अमेरिकी श्रमिकों की आपूर्ति पर विशेष ध्यान दे। अमेरिका को घरेलू कर्मचारियों में अंतर को भरने के लिए सैकड़ों-हजारों एचाबी वीजाधारकों की प्रतिभा और विशेषज्ञता का लाभ उठाना जारी रखना चाहिए। यदि दक्ष कुशल आप्रवासियों के पति व पत्नियों को वीजा देने पर रोक लगाएंगे तो अमेरिका जाकर काम करने वाले दंपतियों के साथ एक बड़ी सामाजिक समस्या पैदा हो जाएगी।